आप लोगो ने UPS का नाम तो सुना होगा लेकिन आपको पता नही की UPS क्या हे और ये कैसे काम करता हे, तो आज हम आपको इस आर्टिकल मे उसके बारे बताने जा रहे है ।
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यूपीएस क्या होता है (What is a UPS)
इसका पूरा नाम अनइंटरप्टेड पावर सप्लाई (UPS) है जैसा कि नाम से ही पता चलता है बिना रुकावट के विद्युत सप्लाई प्रदान करना अर्थात यह बैटरी बैकअप की तरह कार्य करता है।
जैसे ही विद्युत सप्लाई बंद हो जाती है तो यह उपकरण को बिना रुकावट के विद्युत सप्लाई देता है।इसका उपयोग सामान्यतया कंप्यूटर डाटा सेंटर एंड टेलीकम्युनिकेशन में किया जाता है।
अनइंटरप्टेड पावर सप्लाई (UPS) का उपयोग कुछ उपकरणों में प्रोटेक्टिक डिवाइस के रूप में भी होता है क्योंकि पावर का विघटन होने पर वह उपकरण डैमेज या लॉस हो सकता हैं।यूपीएस की क्षमता 200 वोल्ट एम्पीयर से लेकर 46 मिली वोल्ट एम्पीयर तक होती है।
यूपीएस कितने प्रकार के होते है (What are the types of UPS)
सामान्य यूपीएस दो प्रकार के होते हैं जो निम्न है
(1) ऑफलाइन यूपीएस (Offline UPS) (2) ऑनलाइन यूपीएस (Online UPS)
(1) ऑफलाइन यूपीएस (Offline UPS)
ऑफलाइन यूपीएस में ए.सी. सप्लाई एक तो फ़िल्टर में दी जाती है और दूसरी रेक्टिफायर में दी जाती हे।
जब विद्युत सप्लाई ऑन होती है तो ए.सी. फिल्टर में से होकर लोड को सीधी मिलती रहती है।यहां पर फिल्टर ए.सी. में कुछ स्पाइक होते हैं उनको हटाता है।
जब पावर ऑन होती है तब ए.सी. रेक्टिफायर को भी मिलती रहती हे ये रेक्टिफायर ए.सी. को डी.सी. में परिवर्तित करके बैटरी के इनपुट में दिया जाता है।
बैटरी इस डी.सी. को स्टोर करती है। यहाँ से ये डी.सी. इनवर्टर के इनपुट में दी जाती है। इन्वर्टर इस डी.सी. को ए.सी. में परिवर्तित करता है।जब पावर ऑफ होती है तब लोड को सप्लाई बैटरी के द्वारा ही मिलती रहती है।
(2) ऑनलाइन यूपीएस (Online UPS)
ऑनलाइन यूपीएस में पावर सप्लाई लोड को एक तो बायपास में से दी जाती हे तथा दूसरी रेक्टिफायर और इनवर्टर के द्वारा दी जाती है।
जब पावर सप्लाई ऑन करते हैं तो रेक्टिफायर ए.सी को डी.सी में कन्वर्ट करता है यह डी.सी (DC) आगे इनवर्टर बैटरी के इनपुट में दी जाती है।
यह डी.सी. (DC) बैटरी में स्टोर भी होती हे और इनवर्टर इस डी.सी.((DC)) को वापस ए.सी. (AC) में परिवर्तित करके लोड को दिया जाता है।
इस प्रणाली में हमेशा लोड को सप्लाई रेक्टिफायर के द्वारा ही मिलती रहती हे लेकिन यदि किसी कारण बैटरी, रेक्टिफायर या इन्वर्टर में कोई प्रॉब्लम आती हे तो सप्लाई लोड बायपास के द्वारा ही मिलती हे।
यूपीएस और एक इन्वर्टर के बीच अंतर
- UPS एक इलेक्ट्रिक उपकरण है जिसमें सिस्टम को बैकअप पावर प्रदान करने के लिए एक रेक्टिफायर होता है, जबकि इन्वर्टर DC को AC मे कन्वर्ट करता है।
- यूपीएस ऑफलाइन, ऑनलाइन प्रकार के होते है जबकि इन्वर्टर स्टैंडबाय इन्वर्टर और ग्रिड टाई इन्वर्टर प्रकार के होते है ।
- पावर कट होने के बाद यूपीएस तुरंत मैन सप्लाई से बैटरी पर स्विच हो जाता है, जबकि इन्वर्टर में कुछ टाइम की देरी होती है।
यूपीएस इलैक्ट्रिकल बैकअप पावर प्रदान करता है, और इन्वर्टर इलेक्ट्रॉनिक्स बैकअप पावर प्रदान करता है। - UPS इन्वर्टर की तुलना में अधिक महंगा होता है।
- यूपीएस सीधे उपकरणों से जुड़ा होता है जबकि इन्वर्टर को पहले बैटरी से जोड़ा जाता है और फिर उपकरणों के सर्किट से जोड़ा जाता है।
- UPS में रेक्टिफायर और बैटरी उसके अन्दर ही होती है । जबकि इन्वर्टर में डी.सी. पावर को स्टोर करने के लिए बैटरी बाहर उपस्थित होती है।
- यूपीएस बहुत कम समय के लिए बैकअप प्रदान करता है जबकि इन्वर्टर ज्यादा समय के लिए बैकअप प्रदान करता है
- यूपीएस के वोल्टेज में परिवर्तन नहीं होता है क्योंकि उनका इनपुट, आउटपुट की सप्लाई से स्वतंत्र होता है जबकि इन्वर्टर में वोल्टेज की भिन्नता होती है।
तो आज इस आर्टिकल में आपने UPS क्या हे और ये कैसे काम करता हे के बारे में सीखा।
धन्यवाद सर आपकी पोस्ट काफी लाब्दायी है और हमें आपके आर्टिकल्स पड़ना काफी ज्यादा अच्छा लगता है. आप हमारे देश के लिए काफी अच्छा काम कर रहे है इस प्रकार से और बेतरीन आर्टिकल्स हमरे लिए पोस्ट करते रहिये.
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