आज इस आर्टिकल मे Ozone Parat kya hai के बारे मे बताने जा रहे है । पृथ्वी कि सतह से 20 से 30 किलोमीटर के बीच पायी जाने वाली ओजोन परत हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योकि यह सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी तक आने से रोकती है ।
लेकिन आजकल कुछ गतिविधियो के कारण ओजोन परत मे छेद हो रहा है और इस कारण पराबैंगनी किरणों का स्तर पृथ्वी पर बढ़ रहा है। हम सभी को ओजोन परत को बचाने के लिए जागरूक होना पड़ेगा क्योकि इसके बिना जीवन जीना कठिन है । तो आज इस आर्टिकल Ozone Parat kya hai मे ओजोन परत को बचाने के उपाय भी बताने वाले है ।
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Ozone Parat kya hai
ओजोन परत की खोज सन 1913 में फ़्रांस के चार्ल्स फेबरी और हेनरी बुसोन ने की थी। पृथ्वी के वायुमंडल में कई अलग अलग परते पायी जाती है उनमे से एक ओजोन परत है।
ओजोन तीन ऑक्सीजन परमाणुओं से बना एक अणु है, जिसे अक्सर O3 के रूप में संदर्भित किया जाता है। ओजोन परत में ओजोन गैस की अपेक्षाकृत उच्च सांद्रता होती है। यह एक गंधयुक्त गैस होती है, जो हल्के नीले रंग में पाई जाती है।
यह परत पतली होने के बावजूद सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैगनी विकिरणों को अवशोषित कर लेती है। अगर यह किरणे पृथ्वी पर पहुंच जाए तो यह सभी प्रकार के जीव जन्तु और पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा सकती है।
ओजोन परत कैसे बनती है
जब सूर्य की किरणें ऑक्सीजन के अणुओं पर पढ़ती है तो यह किरण इन अणुओ को सिंगल परमाणुओं में विभाजित करती हैं, तो यह सिंगल परमाणु आस-पास के ऑक्सीजन के साथ मिलकर तीन-ऑक्सीजन अणु बनाते हैं । इस प्रकार यह सूर्य की किरणें ओजोन परत का निर्माण करती है ।
Ozone Parat kaha payi jati hai
ओजोन परत का अधिकांश भाग लगभग 90% समताप मंडल में पाया जाता है जो पृथ्वी की सतह से ऊपर 10–16 किलोमीटर से शुरू होकर 50 किलोमीटर तक फैला हुआ है। शेष 10% भाग क्षोभमंडल में पाया जाता है जो पृथ्वी की सतह और समताप मंडल के बीच में पाया जाता है।
ओजोन परत की मोटाई कितनी है
आमतौर पर ओजोन परत की मोटाई मौसम और अन्य भौगोलिक कारकों के साथ बदलती रहती है। फिर भी रिसर्स के अनुसार पृथ्वी से लगभग 20 से 30 किलोमीटर ऊपर स्थित ओजोन परत की औसत मोटाई लगभग 300 डॉबसन यूनिट या 3 मिलीमीटर है।
Dobson इसकी यूनिट है जिसका नाम Gordon Dobson वेज्ञानिक के नाम पर रखा गया है ।
ओजोन परत के महत्व
Ozone Parat के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव है इसलिए यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। Ozone Parat के कई महत्व है जो निम्न है –
- ओजोन परत का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैगनी विकिरणों को अवशोषित कर मनुष्य, पेड़ -पौधे और जीव-जंतुओं को इन हानिकारक विकिरणों से बचाती है ।
- यह परत हमें स्किन प्रॉबलम , त्वचा के कैंसर और मोतियाबिंद जैसी बीमारियो से बचाती है।
- ओजोन परत फसलों की भी रक्षा करता है
ओजोन परत क्षय होने के कारण
कुछ वर्षो से मानव गतिविधियाँ द्वारा रसायनो का उपयोग अधिक होने से पर्यावरण में इन रसायनो की वृद्धि हो गयी है जिससे ओजोन परत घट रही है। ओजोन परत क्षय होने के निम्न कारण है
- ओजोन परत को नष्ट करने वाले कारको में सबसे प्रमुख कारक क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) है जो रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और एरोसोल स्प्रे के डिब्बों में पायी जाती है।
- क्लोरोफ्लोरोकार्बन के अलावा नाइट्रोजन मोनो ऑक्साइड (NO) जैसी गैसे भी ओजोन परत को नष्ट करने के लिए अत्यधिक जिम्मेदार हैं।
- रिसर्स के अनुसार रॉकेटों के अनियंत्रित लॉन्चिंग होने के कारण ओजोन परत बहुत अधिक क्षय हो रही है।
ओजोन परत क्षय होने के प्रभाव
Ozone Parat क्षय होने के कई प्रभाव है जो निम्न है –
- ओजोन के क्षय होने से आँखों की बीमारी या फिर अंधापन भी हो सकता है।
- इसके क्षय होने से जलीय जीव -जन्तुओ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- स्किन समस्या और स्किन कैंसर तक हो सकता है।
- ओजोन परत का क्षय होने से हानिकारक पराबैगनी विकिरणों इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है।
- इसके क्षय होने से DNA को भी नुकसान पहुंच सकता है ऐसा अंटार्कटिक की बर्फ-मछली में देखा गया है।
ओजोन परत संरक्षण के उपाय
Ozone Parat के क्षय होने में हमारा बहुत बड़ा हाथ है इसलिए हम कुछ उपाय अपना के ओजोन परत को नष्ट होने से बचा सकते है।
खतरनाक गैसों के सेवन न करे
ओजोन परत के लिए खतरनाक गैसे जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफ़सी), हाइड्रोकार्बन, मिथाइल ब्रोमाइड और नाइट्रस ऑक्साइड आदि का उपयोग न करे।
वाहनों का उपयोग कम करे
वाहनों से निकलने वाला धुआँ पर्यावरण के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। यह न केवल ओजोन परत को नुकसान पहुँचता है बल्कि मनुष्य के स्वास्थय के लिए भी बहुत हानिकारक है।
इसलिए वाहनों का उपयोग कम करके साइकिल या पैदल चलना चाहिए साथ ही अगर वाहन का उपयोग करना ही पड़े तो कारपूल करने का प्रयास करें।
सफाई उत्पादों का उपयोग न करें
ऐसे सफाई उत्पादों का उपयोग न करें जो पर्यावरण और हमारे लिए हानिकारक हों। कई सफाई उत्पादों में सॉल्वैंट्स और पदार्थ संक्षारक होते हैं, लेकिन आप इन खतरनाक पदार्थों को सिरका या बाइकार्बोनेट जैसे गैर-विषैले उत्पादों से बदल कर इनका उपयोग कर सकते है।
एयर कंडीशनर का रखरखाव करें
एयर कंडीशनर का रखरखाव करते रहे क्योंकि इसकी खराबी के कारण क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफ़सी) वातावरण में चली जाती है।
ओजोन दिवस कब और क्यों मनाया जाता है
ओजोन परत के क्षय के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने और इसे संरक्षित करने के संभावित समाधान खोजने के लिए हर साल 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर के लोग ओजोन परत के महत्व और इसमें होने वाले छेद के बारे में लोगो को जागरूक करते रहते है।