आज हम इस आर्टिकल में कोटा राजस्थान एक प्रमुख औद्योगिक शैक्षणिक शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो चंबल नदी के तट पर बसा है प्रारंभ में इसे औद्योगिक नगरी व राजस्थान का कानपुर के नाम से जाना जाता था।
अब इसे शैक्षणिक नगरी के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां पर इंडिया के कोने-कोने से बच्चे आकर पढ़कर अपने अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करते हैं।
कोटिया भील के नाम पर इसका नाम कोटा रखा गया। कोटा पहले बूंदी राज्य का हिस्सा था बाद में 1624 ईसवी में एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित हुआ।
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जनसंख्या
2011 के अनुसार यहाँ की जनसंख्या लगभग 1001694 है, जिसमें से 528601 पुरुष तथा 473093 महिलाएं हैं। इसके अलावा हर साल लगभग 2 लाख बच्चे कोटा में पढ़ाई करने आते हैं।
जन घनत्व और साक्ष्रता दर
जनगणना 2011 के अनुसार कोटा का जन घनत्व (1 वर्ग किलोमीटर में प्रति व्यक्तियों की संख्या) 374 है और लिंगानुपात (1000 पुरुषो पर महिलाओ की संख्या) 899 हे। यहां की साक्षरता दर 76.6% राजस्थान में सबसे ज्यादा है।महिलाओं की साक्षरता दर (65.9% ) में भी कोटा राजस्थान में नंबर वन है।
अर्थव्यवस्था
यहाँ की अर्थव्यवस्था पहले उद्योगों पर निर्भर करती थी पर अब शिक्षा नगरी होने कारण स्टूडेंट पर निर्भर करती है हर साल लगभग 2 लाख बच्चे आते हैं जिनके कारण कोटा के लोगो को रोजगार मिलता है।
कोटा कोचिंग
कोटा को कोचिंग नगरी के नाम से भी जाना जाता है, यहां बच्चे आईआईटी व पीएमटी की कोचिंग करने आते हैं यहां पर आईआईटी व पीएमटी की बहुत सारी कोचिंग हे जो निम्न है।
- एलन
- रेजोनेंस
- वाइब्रेंट
- केरियर पॉइंट
- मोशन
- सर्वोत्तम
- बंसल
- न्युक्लियस
इनके अलावा भी कई ओर कोचिंग है।
कोटा के दर्शनीय स्थल
कोटा में कई दर्शनीय स्थल है जिसमे से कुछ निम्न है
चम्बल गार्डन :
चंबल नदी के किनारे बसा यह गार्डन कोटा का पुराना गार्डन है यहां पर बहुत सारे झूले हे और टॉय ट्रैन भी चलती हे जहां पर बच्चे और बड़े आकर बहुत आनंदित होते है।चंबल किनारे के पास होने के कारण यहां पर बोटिंग की भी सुविधा है।इस पार्क में बहुत सारे फुवारे भी हे ओर बहुत सारे पेड़ पौधे हैं जो पार्क की शोभा को ओर बढ़ाते हैं यह गार्डन कपल,बच्चों और फैमिली सभी के घूमने का अच्छा स्थान है।
गोदावरी धाम :
चंबल गार्डन के पास ही गोदावरी मंदिर है जिसमें हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है यह भी चंबल नदी के किनारे पर हे यहाँ पर हनुमान जी के अलावा शंकर भगवान,राम भगवान,गणेश भगवान और भेरू जी की मूर्ति स्थापित है
सेवन वंडर पार्क :
यह कोटा रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर दूर है।जैसा कि नाम से ही लग रहा है इस पार्क में सात अजूबों को बनाया गया है।जो निम्न है ताजमहल,ग़िज़ा का पिरामिड,एफिल टावर,स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी, लर्निंग टावर,क्राइस्ट रिडीमर,कोलोसियम है।यह पार्क बहुत फेमस है। यहां पर वरुण धवन और आलिया भट्ट की फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया की शूटिंग भी हुई थी।
किशोर सागर लेक :
यह KST के नाम से भी प्रसिद्ध है यह भी स्टेशन से 6 किलोमीटर दूर है।सेवन वंडर पार्क व किशोर सागर लेक पास में ही है। इस लेक के बीच में जग मंदिर है।जहां पर बोट द्वारा जाया जाता है।रात में लाइटिंग होने के कारण मंदिर सुंदर दिखता है।
गरडिया महादेव :
यहां पर शंकर भगवान का मंदिर है यह कोटा से चित्तौड़गढ़ मार्ग पर स्थित है यहां से चंबल नदी के बहुत सुंदर दृश्य देखने को मिलते हैं जिन्हें देखकर मन बहुत प्रसन्न होता है।
कोटा से गडरिया महादेव जाने के लिए आप स्वयं की बाइक या फिर टैक्सी और ऑटो करके जा सकते हैं।यहां जाने के लिए एंट्री फीस भी देनी पड़ती है।शिवरात्री के दिन यहा बहुत पब्लिक आती है उस दिन एंट्री फीस नहीं होती है।
हैंगिंग ब्रिज :
यह भारत का तीसरा और राजस्थान का पहला हैंगिंग ब्रिज हे जो चंबल नदी के ऊपर बना है।इस ब्रिज की टोटल लेंथ 1.5 किलोमीटर है।इसका उद्घाटन 29 अगस्त 2017 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया।
इसे भी कोटावासी और अन्य लोग देखने आते हैं और यहां पर फोटोग्राफी करते हैं।इसके बनने से कोटा के अंदर का यातायात भी कम हो गया है।
अभेड़ा महल :
कोटा शहर से दूर नान्ता रोड के पास खेड़ा में इसकी स्थापना महाराज उम्मेद द्वारा की गई थी यह भी चंबल नदी के पास है इसमें बहुत सारे तालाब हैं जिसमें सुंदर फूल और मगरमछ रहते हैं।इस महल के अंदर दीवार पर सुंदर चित्र और शस्त्रागार का संग्रह है जो मन को प्रसन करता है।
इस महल के अंदर कैंटीन भी हे तथा इस महल में एंट्री के लिए टिकट लेना पड़ता है।कोटा के लोग यहाँ पर PRE WEDDING SHOT के लिए भी आते है।
गणेश उद्यान :
स्टेशन से 16 किलोमीटर दूर यह उद्यान कोटा का नया और 24 एकड़ में फैला हुआ उद्यान है।यहां पर कई सारे पेड़ पौधे हैं जहां पर आकर शायद ही कोई फोटोग्राफी ना करें। इसके अलावा यहाँ मॉर्निंग वाक के लिए अलग से 2 किलोमीटर का पथ है तथा मेडिटेशन जॉन,ओपन जिम विद्युत संचालित झूले भी हैं।
पास में ही खड़े गणेश जी का मंदिर भी है वह भी काफी प्रसिद्ध है।कोटा के लोग यहाँ पर भी PRE WEDDING SHOT के लिए आते है।
दरा अभ्यारण्य :
कोटा शहर से 50 किलोमीटर दूर इस अभ्यारण को 1995 में स्थापित किया इस अभयारण्य में हिरण,नीलगाय,रीछ,भेड़िये, घडियाल व जंगली सूअर आदि पाए जाते हैं।
इसके अलावा गढ़ पैलेस,कोटा बैराज शारबाग आदि भी दर्शनीय स्थल है।
कोटा के टॉप वेज रेस्टॉरेंट
- अमर पंजाबी ढाबा
- महेश्वरी रेस्टोरेंट
- इटोस
- चस्का
- मोती महल
- बाजोट
- शिवाय
- सेकंड वाइफ
- पाठक
कोटा के टॉप नॉनवेज रेस्टॉरेंट
- रॉयल फिरदोस
- अलकरीम
- ज़ायका
कोटा के बेस्ट ढाबा
इसके अलावा अगर ढाबे का आनंद लेना है तो कोटा बूंदी रोड पर शेखावटी और मूमल ढाबा है।
कोटा के टॉप फास्टफूड रेस्टॉरेंट
- ट्रीट
- हंगर बडी
- सेवा रेस्टॉरेंट लॉन्ज
- अर्बन कैफ़े बिस्टरो
- साउथ पोल कैफ़े
कोटा की टॉप चाट पकोड़ी
इसके अलावा छावनी में चौपाटी भी है जहां पर आप चाट, पकौड़ी और फालूदा आदि का आनंद ले सकते हैं।
कोटा के बार
- सेवा रेस्टॉरेंट लॉन्ज एंड बार
- सिमरन पैलेस बार
- अंगारा लॉन्ज
- सिटी सेंटर बार
- रॉयल पैलेस बार
- घूमर बार
- घूघंट बार
- मोती महल
- त्रोइका लॉन्ज
कोटा की कचौरी
कोटा की कचोरी देश-विदेश में प्रसिद्ध है, वैसे तो पूरे कोटा में कचोरी अच्छी मिलती है उनमें से कुछ प्रसिद्ध कचोरी की दुकान निम्न है।
- सुवालाल कचोरी समोसा नमकीन
- रतन स्वीट्स एंड नमकीन
- जोधपुर स्वीट्स
- बृजवासी
- जैन कचोरी
- बीएमबी स्वीट्स एंड नमकीन
कोटा के कुछ रोचक तथ्य
- 2011की जनगणना के अनुसार राजस्थान का सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला कोटा है।
- 2011की जनगणना के अनुसार राजस्थान का सर्वाधिक महिला साक्षर जिला भी कोटा है।
- उत्तर भारत का प्रथम सर्प उद्यान कोटा में है।
- कोटा डोरियों के लिए भी कोटा जिला जाना जाता है।
- एकमात्र विभीषण का मंदिर भारत में कोटा संभाग के केथून जिले में है।
- राजस्थान का पहला हैंगिंग ब्रिज कोटा में है।
- राजस्थान में सर्वाधिक शहरी जनसंख्या वाला जिला कोटा है।
- कोटा की कचोरी पूरे देश में फेमस है।
- कोटा का दशहरा मेला पुरे भारत में मैसूर और कुल्लु बाद तीसरे नंबर पर आता है।
- वर्त्तमान में कोटा बूंदी लोकसभा के सांसद ओम बिरला लोकसभा के अध्यक्ष हैं।
तो आज इस आर्टिकल में आपने कोटा राजस्थान एक प्रमुख औद्योगिक शैक्षणिक शहर के बारे में जानकारी प्राप्त की।