इंजीनियर कैसे बने (Engineer Kaise Bane)

दुनिया में हर इंसान का कुछ न कुछ बनने का सपना होता है, अगर आपका सपना भी इंजीनियर बनने का हे और आप भी इंजीनियर के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हो तो आज इस आर्टिकल में इंजीनियर किसे कहते है , इंजीनियर कैसे बने और इंजीनियर कितने प्रकार के होते है के बारे में बताने जा रहे है।एक अच्छा इंजीनियर बनकर आप अपना और देश का नाम रोशन कर सकते है और साथ ही अपना भविष्य उज्जवल बना सकते हो।

इंजीनियर किसे कहते है ?

इंजीनियर वह होता है जो विज्ञान, प्रोद्योगिकी और गणित का उपयोग करके किसी वस्तु का आविष्कार करे, उसकी डिज़ाइन करे ,उसको और विकसित करे और हमारे जीवन को सरल बनाये।

10th के बाद इंजीनियर कैसे बने ?

इंजीनियर बननें के लिए स्कूल से ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और खासतौर पर मैथ्स और साइंस पर विशेष फोकस होना चाइये।इंजीनियर बननें की शुरुवात 10वीं कक्षा के बाद से ही शुरू हो जाती है।

यदि आप 10वीं कक्षा के बाद ही इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको दसवीं करते ही पॉलिटेक्निक में एडमीशन लेना होगा और पॉलिटेक्निक में आपको 3 साल का डिप्लोमा हासिल करना होगा।

अगर आप चाहे तो डिप्लोमा करने के बाद डिग्री भी कर सकते हो जो 4 साल की होती है पर आपके पास डिप्लोमा होने के कारण अब आपको सीधे सेकण्ड ईयर में एडमिशन मिल जायेगा यानि 10वीं कक्षा के बाद डिग्री करने में आपको 6 साल लगेंगे।

10वीं कक्षा के बाद = 3 साल का डिप्लोमा + 3 साल की डिग्री

12th के बाद इंजीनियर कैसे बने ?

दसवीं कक्षा के बाद में आप 3 साल का डिप्लोमा और 3 साल की डिग्री मिलाकर 6 साल की पढ़ाई के बाद इंजीनियर के रूप में कार्य कर सकते हैं।

या फिर 2 साल तक 12 वीं कक्षा करके और 4 साल की डिग्री करके भी इंजीनियर के रूप में कार्य कर सकते है। पर इसके लिए आपको 11th क्लास  में मैथ्स विषय का चयन करना पड़ेगा।

यह आपके ऊपर निर्भर करता है, कि आप 10 वीं कक्षा करके डिप्लोमा करना चाहते हैं या फिर 12 वीं कक्षा पास करके डिग्री करना चाहते हैं|

12 वीं कक्षा के बाद = 4 साल की डिग्री

10वीं कक्षा के बाद डिप्लोमा करने से फायदा यह होगा की अगर आप आगे डिग्री करोगो तो आपके वो विषय पहले से ही पड़े हुए होंगे मतलब उन विषय का पहले से ही आपको ज्ञान होगा।

इंजीनियर कितने प्रकार के होते है ?(Types of Engineer)

अगर आप इंजीनियर बनना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले यह तय करना होगा की आपकी रूचि किस फील्ड में है क्योंकि इंजीनियर बहुत सारे प्रकार के होते हैं जो निम्न है

1. इलेक्ट्रिकल इंजीनियर

अगर आपकी रूचि इलेक्ट्रीसिटी, उसके कॉम्पोनेन्ट आदि में है, तो आप इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्रांच ले सकते है।इस ब्रांच के अंदर बिजली का उत्पादन, वितरण और ए.सी डी.सी मोटर आदि के बारे में मुख्य रूप से अध्ययन किया जाता है।

2. मैकेनिकल इंजीनियर

अगर आपकी रूचि मशीन और टूल्स की डिज़ाइन करने में , ऑटोमोबाइल आदि में है तो आप इस ब्रांच का चयन कर सकते हैं। इसके अंदर मैकेनिक्स,थर्मोडायनेमिक्स, मेटेरियल साइंस आदि विषयों को मुख्य रूप से अध्ययन किया जाता है।

इंजीनियर कैसे बने

3. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर

जैसा की नाम से ही पता पड़ रहा है, अगर आपकी रूचि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (ट्रांजिस्टर, डायोड) , कम्युनिकेशन, ऐन्टेना, टेलीविजन आदि में है तो आप इस ब्रांच को ले सकते है।

इसके अंदर मुख्य रूप से एनालॉग कम्युनिकेशन, डिजिटल कम्युनिकेशन, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस एंड सर्किट आदि विषयों का अध्ययन किया जाता है।

4. सिविल इंजीनियरिंग

आजकल पुरे इंडिया में कंस्ट्रक्शन का काम चलने के कारण इस ब्रांच में लोगो की रूचि बाद गयी है। 5. कंप्यूटर इंजीनियरिंग

कंप्यूटर का उपयोग आज हर जगह जैसे स्कूल, कॉलेज,ऑफिस, अस्पताल, स्पेस सेंटर आदि जगह होता है इसलिए इस ब्रांच की डिमांड अभी टॉप पर है और हम जितने भी सॉफ्टवेयर का उपयोग करते है वो सब इस ब्रांच में ही पढाये जाते है।

जैसा की नाम से ही पता चल रहा है अगर आपकी रूचि कंप्यूटर या उसके पार्ट्स जैसे सी.पी. यु., मदरबोर्ड या फिर सॉफ्टवेयर डेवलप, प्रोग्रामिंग, कोडिंग आदि में है तो आप इस ब्रांच का चयन कर सकते है।

इस ब्रांच में मुख्य रूप से कंप्यूटर आर्किटेक्चर एंड ओरगेनाईजेशन, थ्योरी ऑफ़ कम्प्यूटेशन, ऑपरेटिंग सिस्टम, कंप्यूटर नेटवर्क, फंडामेंटल ऑफ़ कंप्यूटर सिस्टम , प्रिंसिपल ऑफ़ प्रोगरामिंग लैंग्वेज आदि विषयों का अध्ययन किया जाता है।

इन ब्रांचेज के अलावा भी कई ब्रांचेज होती है जैसे इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग, कृषि इंजीनियरिंग,एथिकल हैकिंग इंजीनियरिंग, ओशियन इंजीनियरिंग आदि।

इंजीनियर कैसे बने? (How to be an engineer)

एक सफल इंजीनियर बनने के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा जो निम्न है –

विषय का चुनाव करें

अगर आपका सपना भी इंजीनियर बनने का है तो सबसे पहले अपनी रूचि के अनुसार उस क्षेत्र का चुनाव करें जिस क्षेत्र में आपको आगे बढ़ना है उसी के अनुसार अपनी ब्रांच का चयन करे।

यदि आपने ऐसी कोई ब्रांच ले ली जिसमे आपकी रूचि नहीं है, तो आप उस काम को कभी भी नहीं सीख पाएंगे क्योंकि, आपकी उस काम के प्रति बिलकुल भी रूचि नहीं है।

डिग्री प्राप्त करें

अपने विषय का चुनाव करने के बाद उस ब्रांच में अच्छे मार्क्स से डिग्री प्राप्त करे।डिग्री आप चाहे तो सीधे 12वीं के बाद कर सकते है या फिर 10वीं के बाद पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा प्राप्त करके बीटेक में प्रवेश लेकर डिग्री कर सकते हो ।

प्रैक्टिकल नॉलेज प्राप्त करे

एक सफल इंजीनियर बनने के लिए अच्छे मार्क्स के साथ प्रैक्टिकल नॉलेज होना भी बहुत जरुरी है क्योकि आप जिस भी कंपनी में जॉब के लिए जाते हो वहाँ आपकी डिग्री के साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी देखी जाती है।इसलिए अपनी 4 साल की डिग्री के दौरान प्रैक्टिकल पर भी फोकस करे।

इंजीनियर बनने के लिए कोर्स

इंजीनियर बनने के लिए डिप्लोमा और डिग्री दोनों कोर्स कर सकते हैं जो निम्न है –

1. डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स

इस कोर्स की अवधि 3 साल की होती है।जिसको आप 10वी के बाद कर सकते हो।इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए निम्न कोर्स है –

  • सूचना विज्ञान में डिप्लोमा (Diploma in Information Science)
  • ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Automobile Engineering)
  • कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा (Diploma in Computer Science)
  • मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Mechanical Engineering)
  • सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Civil Engineering)
  • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Electrical Engineering)
  • इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Electronic Engineering)
  • इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंटेशन और कंट्रोल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Electronic Instrumentation and Control Engineering)
  • फैशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Fashion Engineering)
  • केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Chemical Engineering)
  • इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in IT Engineering)
  • इलेक्ट्रॉनिक एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Electronics and Telecommunication Engineering)
  • एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Aeronautical Engineering)
  • पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Petroleum Engineering)
  • एरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Aerospace Engineering)
  • माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Mining Engineering)
  • प्लास्टिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Plastics Engineering)
  • एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Agricultural Engineering)
  • पावर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Power Engineering)
  • एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Environmental Engineering)
  • टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा (Diploma in Textile Engineering)

2. बैचलर इंजीनियरिंग कोर्स

इस कोर्स की अवधि 4 साल होती है।जिसको आप 12वी के बाद कर सकते हो और इसके लिए आप का विषय साइंस मैथ्स होना चाहिए।यह कोर्स करने के बाद निम्न इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इंजीनियर बन सकते हैं।

  • Automobile engineering (ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग)
  • Biotechnology engineering (बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग)
  • Civil Engineering (सिविल इंजीनियरिंग)
  • mechanical Engineering (मैकेनिकल इंजीनियरिंग)
  • Aerospace engineering (एरोस्पेस इंजीनियरिंग)
  • chemical Engineering (केमिकल इंजीनियरिंग)
  • Computer Science Engineering (कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग)
  • Industrial engineering (इंडस्ट्रीयल इंजीनियरिंग)
  • Information Technology Engineering (इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग)
  • Metallurgical engineering (मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग)
  • Mechatronics Engineering (मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग )
  • Mining Engineering (माइनिंग इंजीनियरिंग)
  • Petroleum Engineering (पेट्रोलियम इंजीनियरिंग )
  • Electronics & Communication Engineering (इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग)
  • Robotics Engineering (रोबोटिक्स इंजीनियरिंग)
  • Electrical Engineering (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग)
  • Environmental Engineering (एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग)
  • Textile Engineering (टेक्सटाइल इंजीनियरिंग)
  • Aeronautical Engineering (एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग)
  • Biomedical Engineering (बायोमेडिकल इंजीनियरिंग)

इंजीनियरिंग के लिए शीर्ष कॉलेज (Top Engineering colleges in India in Hindi)

भारत में इंजीनियरिंग करने के लिए कई संस्थान है उनमे कुछ संस्थान जो टॉप पर है निम्न है –

  1. आई आई टी मद्रास (Indian Institute of Technology, Madras)
  2. आई आई टी दिल्ली (Indian Institute of Technology,)
  3. बॉम्बे बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी गुवाहाटी ( Bombay Birla Institute of Technology, Guwahati)
  4. आई आई टी कानपूर (Indian Institute of Technology, Kanpur)
  5. आई आई टी खड़गपुर (Indian Institute of Technology, Kharagpur)
  6. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी रूड़की (Indian Institute of Technology, Roorkee)
  7. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी बॉम्बे (Indian Institute of Technology, Bombay)
  8. दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी हैदराबाद (Delhi Technology University, Hyderabad)
  9. आई आई टी तिरुचिरापल्ली (Indian Institute of Technology, Tiruchirappalli)
  10. आई आई टी इंदौर (Indian Institute of Technology, Indore)

इंजीनियर की सैलरी (Engineer Salary in Hindi)

इंजीनियर की सैलरी की बात की जाये तो वो उसकी नौकरी, पोजीशन और अनुभव पर निर्भर करती है।

कंप्यूटर इंजीनियरों के लिए यह क्षेत्र अभी अपने विकास के चरण में है इसलिए कंप्यूटर इंजीनियर की सैलरी अभी सबसे ज्यादा 2.5 लाख सालाना से लेकर 8.5 लाख सालाना तक है।

हालांकि, गुगल, ट्विटर और फेसबुक जैसी शीर्ष कंपनियां आईआईटी जैसी प्रमुख संस्थानों के इंजीनियरों को 1 करोड़ रुपये तक का सालाना ऑफर पेश कर रही है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग की सैलरी 1.8 से 5 लाख रुपये सालाना मिलती है।इसमें कौशल एवं अनुभव के साथ धीरे– धीरे बढ़ोतरी होती है।

आईआईटी और एनआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों को कौशल के आधार पर करीब 7 से 10 लाख रुपये सालाना पैकज का ऑफर मिलता हैं।

सिविल इंजीनियर की सैलरी 3 से 5 लाख रुपये सालाना की उम्मीद कर सकते हैं।कौशल एवं अनुभव के साथ धीरे– धीरे सिविल इंजीनियर की सैलरी 8 लाख से 10 लाख सालाना तक मिल सकती है।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की प्राम्भिक सैलरी तो 2 लाख सालाना तक मिलती है।हालांकि एल एंड टी और पुंज लॉयड जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिकल इंजीनियर को शुरुवात में ही 3.6 लाख सालाना का ऑफर पेश कर रही है।

मुझे आशा है कि आज इस आर्टिकल में आपने जाना की इंजीनियर किसे कहते है , इंजीनियर कैसे बने और इंजीनियर कितने प्रकार के होते है।

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