जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अजमेर, एक सरकारी मेडिकल कॉलेज है।जिसकी स्थापना 1965 में हुई थी।यह राजस्थान का चौथा सरकारी कॉलेज है।भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के नाम पर इस कॉलेज के नाम जवाहर लाल नेहरू मेडिकल रखा गया।जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज अजमेर, को राजस्थान विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त है।
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की स्थापना विक्टोरिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ एस.पी. वांचू द्वारा की गई जो कॉलेज के प्रथम प्रिंसिपल और कंट्रोलर हैं।जवाहरलाल नेहरू का लक्ष्य युवा और सक्षम लोगों को तैयार करना है जो अच्छे डॉक्टर बन सकें।
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जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की फैसिलिटी
लाइब्रेरी : कॉलेज के केंद्रीय पुस्तकालय में लगभग 30665 पुस्तकें उपलब्ध हैं, इसके अलावा नई ई-लाइब्रेरी विकसित की गई है जिसके जनरल्स को हम आसानी से यूज़ कर सकते हैं।
हॉस्टल : कॉलेज कैंपस में अलग से लड़कों और लड़कियों के लिए हॉस्टल की सुविधा भी उपलब्ध है और स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए अलग से हॉस्टल भी उपलब्ध है।हॉस्टल में सिंगल रूम, डबल रूम आदि फैसिलिटी उपलब्ध है।
वर्चुअल क्लासरूम : वर्चुअल क्लासरूम भी उपलब्ध है, जिसमें छात्र इंटरनेट सुविधा का उपयोग करके शारीरिक रूप से कॉलेज में उपस्थित हुए बिना भी प्रोफेसर और अन्य छात्रों के साथ शारीरिक रूप से जुड़ सकता हैं।
ई-क्लासरूम : ई-क्लासरूम सुविधा भी उपलब्ध है जिसके माध्यम से कोई भी गेस्ट लेक्चरार कॉलेजों से आसानी से जुड़ सकता है और छात्रों को लाइव व्याख्यान दे सकता है।
अन्य सुविधा : इन सुविधाओं के अलावा खेलने के लिए टी टी,वॉलीबॉल ग्राउंड,बैडमिंटन ग्राउंड आदि हे इसके अलावा प्रयोगशाला और कैफेटेरिया भी उपलब्ध है।
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज का एडमिशन प्रोसेस और सीट्स
इस कॉलेज का वार्षिक इन्टेक MBBS के लिए 150 सीट और पोस्ट ग्रेजुएट के लिए 88 सीट है।जिसे भारत की मेडिकल काउंसिल द्वारा एप्रूव किया गया है।कॉलेज में एडमिशन परीक्षा में योग्यता पर आधारित है।
कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए छात्रों को प्रवेश वर्ष में 17 वर्ष या अधिक होना चाहिए और अनिवार्य विषय के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के साथ 10+2 में 50% अंक प्राप्त किए होने चाहिये और एससी, एसटी न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक होने चाहिए।
एकेडमिक और डिपार्टमेंट
कॉलेज को बी रैंक की श्रेणी में रखा गया है और विभिन्न विभागों द्वारा शोध पत्र भी प्रकाशित किये जाते है। राजस्थान विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य विज्ञान द्वारा एमबीबीएस डिग्री प्रमाण पत्र कॉलेज की शोभा को ओर बढ़ाता है। कॉलेज विभिन्न प्रकार के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है।कॉलेज में कई विभाग हैं जैसे-
क्लीनिकल
- फोरेंसिक मेडिसिन का डिपार्टमेंट
- जनरल मेडिसिन का डिपार्टमेंट
- ऑप्थेल्मोलेगी का डिपार्टमेंट
- एनेस्थीसिओलॉजी का डिपार्टमेंट
- OBS और ज्ञानकोलोजी का डिपार्टमेंट
- सर्जरी का डिपार्टमेंट
- पेडाइट्रिक्स का डिपार्टमेंट
- सायिकेटरी का डिपार्टमेंट
- रडियोग्नोसिस का डिपार्टमेंट
- कार्डियोलॉजी का डिपार्टमेंट
- स्किन और वी.डी का डिपार्टमेंट
- टी.बी. और चेस्ट का डिपार्टमेंट
- ऑर्थोपेडिक्स का डिपार्टमेंट
- डेंटिस्ट्री का डिपार्टमेंट
- प्लास्टिक सर्जरी का डिपार्टमेंट
- यूरोलॉजी का डिपार्टमेंट
- न्यूरो सर्जन का डिपार्टमेंट
- रेडिओथेरेपी का डिपार्टमेंट
- इ.एन.टी.का डिपार्टमेंट
- गैस्ट्रोएंटरोलॉजी का डिपार्टमेंट
- पैड सर्जरी का डिपार्टमेंट
नॉन क्लिनिकल
- एनाटॉमी का डिपार्टमेंट
- बायो केमिस्ट्री का डिपार्टमेंट
- पैथोलॉजी का डिपार्टमेंट
- माइक्रो बायोलॉजी का डिपार्टमेंट
- कम्युनिटी मेडिसिन का डिपार्टमेंट
- फिसिओलॉजी का डिपार्टमेंट
- फार्माकोलॉजी का डिपार्टमेंट
कोर्स
ग्रेजुएशन के लिए
- एम.बी.बी.एस.
पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए
- एम.डी. (एनाटॉमी)
- एम.एस.सी. (एनाटॉमी)
- एम.डी. (जनरल मेडिसिन)
- एम.डी. (टी.बी एंड चेस्ट)
- एम.डी. (सायिकेटरी)
- एम.डी. (बायोकेमिस्ट्री)
- एम.डी. (डर्मेटोलॉजी (स्किन और वी डी ))
- एम.डी. (पैथोलॉजी)
- एम.डी. (फार्माकोलॉजी)
- एम.एस. (ऑर्थोपेडिक्स)
- एम.डी.(फिसिओलॉजी)
- एम.डी.(माइक्रोबायोलॉजी)
- एम.एस. (ई.एन.टी.)
- एम.एस. (ऑप्थेल्मोलेगी)
- एम.डी. (फॉरेंसिक मेडिसिन )
- एम.डी. (कम्युनिटी मेडिसिन )
- एम.डी. (रेडियो डायग्नोसिस )
- एम.डी. (एनेस्थीसिआ )
- एम.डी. (पेडाइट्रिक्स)
- एम.डी. (ओब्सटेटरिक और ज्ञानकोलोजी)
- एम.एस.(जनरल सर्जरी )
- एम.एस.(ऑर्थोपेडिक्स )
- एम.एस.सी.(मेडिकल बायोकेमिस्ट्री )बायोकेमिस्ट्री
- एम.एस.सी.(मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी )माइक्रोबायोलॉजी
- एम.एस.सी.(मेडिकल फार्माकोलॉजी ) फार्माकोलॉजी
- डी.एम. कार्डियोलॉजी