Shafali Verma का जीवन और क्रिकेट कैरियर

अभी हम जब भी क्रिकेट की बात करते हैं तो पुरुष खिलाड़ी की बात करते हैं लेकिन आज हम इस आर्टिकल में महिला क्रिकेटर खिलाड़ी Shafali Verma का जीवन और क्रिकेट कैरियर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने छोटी सी उम्र में अपनी बल्लेबाजी से सबको हैरान कर दिया।शैफाली वर्मा के शॉट सिलेक्शन और पावरफुल हिट के कारन लोग उन्हें लेडी सेहवाग के नाम से भी पुकारते है।

शैफाली वर्मा की जीवनी क्या है ?

शैफाली वर्मा का जन्म 28 जनवरी 2004 को हरियाणा के रोहतक में हुआ।शैफाली वर्मा के पिता संजीव वर्मा ज्वैलरी की शॉप चलाते हैं तथा माता प्रवीण बाला ग्रहणी है।शेफाली के परिवार में माता-पिता के अलावा एक बड़ा भाई साहिल और एक छोटी बहिन नैंसी वर्मा है।

जिसमें बड़ा भाई साहिल वर्मा क्रिकेट खेलता है।वर्तमान में शैफाली मनदीप सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई कर रही है और वह 2020 में 10th क्लास का एग्जाम देगी।शैफाली वर्मा की हाइट 162 सेंटीमीटर या 5 इंच 4 सेंटीमीटर है।

Shafali Verma का जीवन और क्रिकेट कैरियर

शेफाली वर्मा का प्रारंभिक जीवन क्या है ?

शैफाली वर्मा का क्रिकेट में इंटरेस्ट देखकर उनके पिता ने शैफाली को क्रिकेटर बनाने का सोचा क्योंकि उनका भी क्रिकेट में इंट्रेस्ट था और वह भी क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन कुछ परिस्थितियों के कारण बन नहीं पाये।

फिर जब 2013 में उनके आदर्श सचिन तेंदुलकर लाहली रोहतक में रणजी ट्रॉफी का मैच खेलने आए तो उनकी बैटिंग देखकर शैफाली वर्मा की क्रिकेट में रुचि ओर बढ़ गई।

शेफाली वर्मा के क्रिकेट के प्रति पागलपन को देखकर उनके पिता ने 8 साल की उम्र में ही उन्हें आसपास के ग्राउंड में अभ्यास कराना स्टार्ट कर दिया और वह शेफाली को प्रेरित करने के लिए प्रत्येक सिक्स के लिए 5 रुपये का इनाम दिया करते थे।

कुछ समय बाद उनके पिता को लगा कि शेफाली को अब क्रिकेट अकेडमी की जरूरत है तो वह शेफाली को कई सारी क्रिकेट अकेडमी में ले गए परंतु शेफाली एक लड़की थी तो वह लड़कों के साथ कैसे ट्रेनिंग ले सकती है।

इस कारण किसी भी अकैडमी में उनका एडमिशन नहीं हुआ।फिर भी शेफाली के पिता और शेफाली ने हिम्मत नहीं हारी और 9 साल की उम्र में उनके बाल कटवा दिए और खुद को टॉमबॉय जैसा लुक दे दिया था ताकि वह लड़कों की तरह दिख सके और उनके साथ खेल सके।उसके बाद शैफाली का क्रिकेट अकेडमी में एडमिशन हो गया।

कुछ समय बाद जब भारत में महिला के भेदभाव को मिटाकर महिला क्रिकेट एकेडमी बनाई गई तब शैफाली ने 2016 में रोहतक में रामनारायण क्रिकेट क्लब को ज्वाइन किया।

तब उनके कोच अश्विनी कुमार बताते हैं की उनके शॉट सिलेक्शन और हिटिंग पावर को देखकर शेफाली को एलिट ग्रुप में प्रमोट कर दिया जहां उसने अंडर-19 और रणजी खिलाड़ियों के साथ अभ्यास किया।

शेफाली वर्मा का क्रिकेट कैरियर

शैफाली के खेल को देखते हुए उन्हें हरियाणा की अंडर 16 महिलाओं की टीम में प्रवेश मिला उसके बाद शैफाली का अच्छा प्रदर्शन जारी रहा फिर शैफाली ने अंडर-19 में तीन शतक लगाकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए मजबूर किया ।

उसके बाद सीनियर T-20 में हरियाणा की ओर से खेलते हुए नागालैंड के खिलाफ 56 गेंद में 128 रन बनाए इसके बाद शैफाली यही नहीं रुकी इसके अलावा मई 2019 में आयोजित महिला आईपीएल में आईपीएल वेलोसिटी टीम में उनका चयन हुआ जहां भी उन्होंने मिताली राज की कप्तानी वाली टीम में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया।

शेफाली वर्मा का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मे कदम

उनके लगातार अच्छा प्रदर्शन के कारण और मिताली राज के सन्यास के बाद महज 15 साल की उम्र में 24 सितंबर 2019 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टी-20 में डेब्यू करने का मौका मिला।

इतनी कम उम्र में डेब्यू करने वाली शैफाली भारत की दूसरी महिला बन गई।उनसे पहले गार्गी बेनर्जी जिन्होंने महज 14 साल 165 दिन में अपना डेब्यू किया था।अपने डेब्यू मैच को शेफाली कभी याद रखना नहीं चाहिए क्योंकि इस मैच में वह बगैर खाता खोले आउट हो गई।

फिर उसके बाद अपने पांचवे ही T-20 में शैफाली ने वो कर दिखाया जिससे सारा देश उन पर गर्व करने लगा।अपने पांचवे ही T-20 में अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर के 30 साल पुराने सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय मैच में अर्धशतक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।

शैफाली ने यह उपलब्धि 15 साल 285 दिन में हासिल की जबकि सचिन ने यह रिकॉर्ड 16 साल 214 दिन की उम्र में बनाया था। 10 नवंबर 2019 को खेले गए इस मैच में शेफाली वर्मा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार पारी खेलते हुए मात्र 49 गेंदों पर 73 रन बनाए।इस पारी में शेफाली ने छह चौके और 4 छक्के लगाए थे और इंडिया ने यह मैच 84 रन से जीत लिया था।

दुनिया की सबसे युवा खिलाड़ी

ओपनर और दाये हाथ की बैट्समेन का ट्वेंटी ट्वेंटी वर्ल्ड कप 2020 में भी काफी अच्छा प्रर्दशन रहा उनके और टीम के प्रर्दशन के दम पर इंडिया महिला टीम फाइनल में पहुंची।शैफाली वर्मा 16 साल और 40 दिन में विश्व कप फाइनल खेलने वाली दुनिया की सबसे युवा खिलाड़ी बन गई हैं।

इससे पहले यह रिकॉर्ड वेस्टइंडीज की शकाना क्विंटीन के नाम था जिन्होंने 17 साल और 45 दिन की उम्र में महिला विश्व कप का फाइनल खेला था। 

शैफाली वर्मा का ट्वेंटी ट्वेंटी वर्ल्ड कप 2020 में प्रर्दशन

पहला मैच

ट्वेंटी ट्वेंटी वर्ल्ड कप 2020 में महिला टीम का पहला मैच 21 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेला गया जिसमे शैफाली वर्मा ने शानदार ओपनिंग करते हुए 29 रन बनाये।

दूसरा मैच

दूसरा मैच 24 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ पर्थ में खेला गया जिसमे शैफाली वर्मा ने शानदार ओपनिंग करते हुए 17 गेंद पर शानदार 39 रन बनाये जिसके लिए उन्हें मेन ऑफ़ द मैच का अवार्ड भी दिया गया।

तीसरा मैच

तीसरा मैच 27 फरवरी को न्यूजीलैंड के खिलाफ मेलबर्न में खेला गया इस मैच में भी शैफाली वर्मा ने शानदार ओपनिंग करते हुए 34 गेंद पर शानदार 46 रन बनाये जिसके लिए उन्हें लगातार दूसरे मैच में भी मेन ऑफ़ द मैच का अवार्ड दिया गया।शैफाली वर्मा के लगातार अच्छे प्रर्दशन से टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप 2020 के सेमिफाइनल में प्रवेश कर लिया।

चौथा मैच

चौथा या इंडिया का आखिरी लीग मैच 29 फरवरी को श्री लंका के खिलाफ मेलबर्न में खेला गया इस मैच में भी शैफाली वर्मा ने शानदार पारी खेलते हुए 34 गेंद पर शानदार 47 रन बनाये और वह लगातार दूसरे मैच में अर्ध शतक बनाने से चूक गयी।

सेमीफाइनल मैच

पहले सेमीफाइनल 5 मार्च को सिडनी में इंडिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया जिसमे शैफाली को खेलने का मौका नहीं मिला क्योकि बारिश के कारण मैच रद्द हो गया पर लग मैच में टॉप पर रहने के कारण इंडिया पहली बार फाइनल में पहुंच गयी।

फाइनल मैच

फाइनल मैच 8 मार्च को मेलबर्न में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया पर इस मैच में शैफाली 2 रन बनाकर आउट हो गयी और पूरी टीम 99 रन बनाकर आउट हो गयी इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने 5 बार वर्ल्ड कप जीत लिया।

शैफाली वर्मा का ट्वेंटी ट्वेंटी वर्ल्ड कप 2020 में अहम् योगदान रहा शैफाली वर्मा ने भारत की और सबसे ज्यादा रन बनाये।शैफाली वर्मा ने 6 मैच की 5 इन्निंग्स में 163 रन बनाये।

मुझे आशा है कि इस आर्टिकल मे आपको Shafali Verma का जीवन और क्रिकेट कैरियर के बारे मे मालूम पड़ गया होगा ।

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