फ़ास्टैग क्या है और ये कैसे काम करता है (Fastag kya hai aur ye kaise kaam karta hai)

अगर आप जब भी सड़क यात्रा करते है, तो कुछ किलोमीटर चलने के बाद एक टोल प्लाजा नजर आता है। टोल प्लाजा आपसे उस रोड पर चलने के ऐवज में भुगतान करता है। पहले यह भुगतान कैश में होता था,पर सरकार ने 1 जनवरी 2021 से इसका भुगतान फास्टैग के माध्यम से करने का फैसला लिया है। तो आज इस आर्टिकल में फ़ास्टैग क्या है, ये कैसे काम करता है ,ये कब लागु हुआ आदि की जानकारी देने वाले है।

फ़ास्टैग कब लागु हुआ ?

भारत सरकार द्वारा इसे 1 जनवरी 2021 को लागु किया गया था लेकिन इसमें थोड़ी राहत देते हुए 15 फरवरी 2021 को इसको सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया और बिना फ़ास्टैग वाले वाहनों से दुगना टैक्स वसूलने को कहा गया।

फ़ास्टैग क्या है ?

टोल प्लाजाओं पर टोल कलेक्शन सिस्टम को आसान बनाने के लिए तथा सिस्टम में होने वाली समस्या को कम करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली फ़ास्टैग (FASTag) को लागु किया।

फ़ास्टैग से ऑटोमैटिक तरीके से टोल पर पेमेंट होता है। जिससे टोल पर कैश भुगतान के कारण लगने वाली लाइन की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा और यातायात भी सुगम तरीके से चलता रहेगा।

फ़ास्टैग क्या है

फ़ास्टैग कैसे काम करता है ?

यह एक स्टिकर है जो रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) पर कार्य करता है। इसको वाहन के विंडस्क्रीन से चिपका दिया जाता है। जैसे ही आपका वाहन टोल प्लाजा के पास आता है, तो टोल प्लाजा पर लगा स्कैनर आपके वाहन पर लगे फ़ास्टैग के कोड (जिसमे आपके वाहन के पंजीकरण का विवरण होता है) को स्कैन करके आपके प्रीपेड बैलेंस से डिजिटल रूप से भुगतान करता है और आप बिना वहां रूके अपने टैक्स का भुगतान कर देते हैं।

लेकिन बस इसका ध्यान रहे कि एक सफल स्कैन के लिए टोल प्लाजा पर वाहनों की गति धीमी होनी चाहिए। अगर सिस्टम ख़राब होता है तो अटेंडेंट मैन्युअल रूप से टैग को स्कैन करता है।

FASTag कैसे प्राप्त करे

फ़ास्टैग को आप अपने बैंक और PAYTM जैसे डिजिटल भुगतान ऐप के माध्यम से आवेदन करके प्राप्त कर सकते है।आवेदन करने के लिए मालिक आईडी, वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र (RC) और पासपोर्ट साइज फोटो की आवशयकता होती है।

रिचार्ज कैसे करे

आप इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड और डिजिटल भुगतान ऐप जैसे PAYTM, PhonePe आदि का उपयोग करके अपने FASTag डिजिटल वॉलेट को रिचार्ज कर सकते हैं।

FASTag के फायदे क्या है

आज इस आर्टिकल फ़ास्टैग क्या है, में इसके फायदे के बारे में बता रहे है जो निम्न है

ड्राइवर / उपभोक्ता को सुविधा

इसमें टोल प्लाजा पर ऑटोमेटिकली डिजिटली पेमेंट हो जाता है, जिसके कारण टोल प्लाजा पर लगने वाली लाइन से छुटकारा मिल जायेगा। जिससे समय की काफी बचत होगी और ट्रैफ़िक भी सरल और सुगम होगा।

करप्शन नहीं होगा

इसमें RFID सिस्टम होने के कारण भ्रष्ट कर्मचारियों और कंपनियों को टोल प्लाजा का दुरुपयोग नहीं करने देगा और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के माध्यम से भुगतान किए गए सभी पैसे सरकारी प्राधिकरण को भेजे जाएंगे।

फ्यूल की बचत

ऑटोमेटिकली डिजिटली पेमेंट होने से टोल प्लाजा पर लाइन नहीं लगती है और वाहन धीरे धीरे चलते रहते है। जिसके कारण फ्यूल की बचत होती है।

अपराध और कुप्रथाओं के खिलाफ संरक्षण

जब कोई ग्राहक राजमार्ग पर एक टोल प्लाजा पार करता है, तो वाहन के सभी विवरण ईटीसी (इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह) प्रणाली की मदद से सर्वर पर आ जाते है। इसका फायदा यह है कि अपराध या दुर्घटना के मामले में वाहन का पता आसानी से लगा सकते है।

पैसे की एक्स्ट्रा बचत

फॉस्टैग को बैंक या अन्य डिजिटल भुगतान ऐप जैसे PAYTM, PhonePe आदि से रिचार्ज करने पर ग्राहक को कैशबैक भी मिलता है।

मैन पावर कॉस्ट बचेगी

फास्टैग का उपयोग करने से सब कुछ ऑटोमेटिकली हो जायेगा इसलिए संगठनों को टोल प्लाजा पर मैन पावर कॉस्ट को कम करके पैसे की बचत कर सकते है और साथ ही मानव त्रुटियों को भी कम कर सकते है।

फ़ास्टैग क्या है

FASTag के नुकसान क्या है ?

फास्टैग के फायदे के साथ साथ इसके कुछ नुकसान भी है जो निम्न है-

टेक्निकली प्रॉब्लम होना

क्योकि सारा काम टेक्निकली होता है इसलिए अगर कभी टेक्निकली समस्या आ जाती है तो स्मूथ वर्क में कठिनाई होती है।

लोकल लोगो की समस्या

टोल प्लाजा के आसपास रहने वाले लोगो को भी फास्टैग से परेशानी हो रही है। पहले ये लोग मंथली पास बना लेते थे तो समस्या नहीं आती थी। हालाँकि इसके लिए सरकार ने बोला है कि ऐसे लोकल लोग फास्टैग बनाये और वेरीफाई करने के बाद उनके पैसे नहीं कटेंगे फिर भी इस प्रोसेस में कुछ टाइम लगेगा।

कार्ड की सुरक्षा

FASTag एक साधारण स्टिकर है तो कभी ओवर हीटिंग की वजह से FASTag की मेमोरी में समस्या आ जाती है। इस कंडीशन में कार्ड अनुपयोगी हो सकता है।

ओनरशिप का मुद्दा हो सकता है

मालिक का पंजीकरण और बैंक विवरण FASTag खाते से जुड़ा होता है इसलिए यदि मालिक वाहन बेचता है, तो यह स्पष्ट नहीं है कि कोई नया मालिक उसी FASTag के साथ कार चला पाएगा या नहीं।

कभी कभी गलत चार्ज भी हो सकता है

कुछ तकनीकी खामियों के कारण कभी कभी मूल राशि से अधिक राशि भी काट ली जाती है। ये भी फास्टैग में बड़ी समस्या है।

मुझे आशा है इस आर्टिकल में आपको फ़ास्टैग क्या है समझ में आ गया होगा साथ ही यह कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे और नुकसान है यह भी समझ आ गया होगा।


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