साल 2021 की शुरुआत हो चुकी है और हर साल की तरह इस साल भी ग्रहण लगेंगे। वैसे इस साल 2021 में कुल चार ग्रहण लगेंगे. जिसमे 2 चंद्रग्रहण और 2 सूर्य ग्रहण हैं। इस साल का पहला चंद्रग्रहण 26 मई को लग चुका है और इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा। तो आज इस आर्टिकल में Surya grahan 2021 में कब आएंगे और सूर्य ग्रहण क्या होता है के बारे में बताने वाले है।
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सूर्य ग्रहण क्या होता है
सौरमण्डल में प्रकाश और ऊर्जा का एक ही स्त्रोत सूर्य है इसी के कारण ही सारे ग्रह और उपग्रह प्रकाशमान दिखाई पढ़ते है। पृथ्वी (जो की सूर्य का गृह है ) सूर्य के चारो और घुरण (रोटेशन) और परिक्रमण (रिवोल्युशन) गति करती है।
इसी प्रकार चन्द्रमा (जो की पृथ्वी का उपग्रह है ) भी पृथ्वी के चारो और घुरण और परिक्रमण गति करता है। जब चन्द्रमा गति करता हुआ सूर्य व पृथ्वी के बीच में आ जाता है तो चन्द्रमा की परछाई पृथ्वी के कुछ हिस्सों पर पढ़ने लगती है। इसी को सूर्यग्रहण कहते है।
सूर्य ग्रहण केवल अमावस्या पर ही क्यों होता है
यह केवल अमावस्या को ही होता है क्योकि चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच बिल्कुल एक पंक्ति में हो जाता है। इसका मतलब चंद्रमा का दिन का भाग, पूरी तरह से चंद्रमा के दूर की ओर होता है क्योकि वही पर सूर्य की किरण पड़ रही होती है। जबकि पृथ्वी से देखने पर चंद्रमा का केवल अंधेरा पक्ष ही दिखता है और उसी को हम “अमावस्या” कहते हैं।
सूर्य ग्रहण के प्रकार (types of solar eclipse)
सूर्य ग्रहण चार प्रकार के होते हैं: कुल (Total), आंशिक (Partial), वार्षिक (Annular) और संकर (Hybrid)।
पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipses)
यह सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढक लेता है। कुल सूर्य ग्रहण केवल पृथ्वी के एक विशिष्ट भाग से ही दिखाई देते हैं।
आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipses)
इस सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के आंशिक भाग को ही ढकता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipses)
एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जिसमें चंद्रमा सूर्य के बाहरी वलय को छोड़कर सभी को अस्पष्ट करता है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि इन तीनो ऑब्जेक्ट के बीच की दूरी बदलती रहती है। इस तरह के ग्रहण के दौरान, चंद्रमा के चारों ओर चमकीले वलय को “रिंग ऑफ फायर” कहा जाता है।
संकर सूर्य ग्रहण (Hybrid Solar Eclipses)
यह सूर्य ग्रहण का एक दुर्लभ रूप है, जो एक प्रकार के रूप (कुंडलाकार) में शुरू होता है और दूसरे (पूर्ण सूर्य ग्रहण) में बदल जाता है।
सूर्य ग्रहण कब और कितने बजे लगेगा
इस साल दो सूर्य ग्रहण लगेंगे। पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 गुरुवार को दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरु होकर शाम को 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा और दूसरा सूर्य ग्रहण 4 दिसम्बर 2021 शनिवार को सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरु होकर दोपहर को 3 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा।
2021 का पहला सूर्य ग्रहण कहाँ कहाँ दिखेगा
10 जून को लगने वाला वलयाकार टाइप का सूर्य ग्रहण रूस, ग्रीनलैंड और उत्तरी कनाडा के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा और आंशिक सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, यूरोप और उत्तरी एशिया के अधिकांश हिस्सों में देखा जाएगा।
भारत में यह सूर्य ग्रहण पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश के सुदूर पूर्व के राज्यों में दिखाई देगा या फिर यु कहे कि अधिकांश हिस्सों में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
2021 का दूसरा सूर्य ग्रहण कहाँ कहाँ दिखेगा
4 दिसम्बर 2021 को लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका , दक्षिण अमेरिका ,ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा
सूर्य ग्रहण का असर
इस आर्टिकल Surya grahan 2021 में सूर्य ग्रहण के प्रभाव के बारे में बता रहे है जो निम्न है –
पुराणों में कहा गया है कि सूर्य ग्रहण का असर चंद्र ग्रहण से ज्यादा होता है। सूर्य ग्रहण से जुडी कई ऐसी बाते है जिसे आज भी लोग मानते है जैसे
ग्रहण के दौरान खाने-पीने की मनाही होती है क्योकि सूर्य ग्रहण के दौरान खाद्य पदार्थ को पचाने में काफी दिक्कत होती है।
सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव मनुष्य की आंखों पर पड़ता है क्योकि सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने पर आंखों के स्वास्थय पर काफी प्रभाव पड़ता है। सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें को स्पेशल चश्मे के बगैर देखने पर आंखों की रोशनी कम या फिर चली जा सकती है।
कई लोग ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करने और नए कपड़े पहनने में विश्वास करते हैं और कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से भी परहेज करते हैं।
मान्यता यह भी है कि गर्भवती महिला को सूर्य ग्रहण के दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर कदम नहीं रखना चाहिए बल्कि घर पर रहकर संतान गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए।
मुझे आशा है इस आर्टिकल Surya grahan 2021 में आपको सूर्य ग्रहण से जुडी सारी जानकारी मिल गयी होगी।